होली क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है?
होली क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है?
होली क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है? इस वर्ष होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रविवार दिनांक 28 मार्च 2021 को शाम के समय से प्रदोषकाल में 6:32 pm – 8:32 pm तक है।
होली की भस्म घर पर रखने से व्यक्ति को चमत्कारिक लाभ होता है, भूत प्रेत बाधा ,ग्रह बाधाएं दूर होती हैं, होली जलने के बाद उसकी राख जिसे भस्म कहते हैं उसका विशेष महत्व होता है, होलिका भस्म अवश्य घर पर लाकर रखें।
होलिका दहन में होलिका की पूजा होती है ना कि भक्त प्रहलाद की।
होलिका दहन के समय जो पूजा होती है वह होलिका की होती है प्रहलाद कि नहीं, होलीका दैत्यराज हिरण्यकश्यप की बहन थी और उसने प्रहलाद को मारने की कोशिश की थी, पर वह असफल रही और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई।रंगों का त्योहार होली बुराई पर अच्छाई की विजय के लिए मनाया जाता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार दैत्यराज हिरण्यकश्यप खुद को भगवान मानता था, लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था वह उनके अलावा और किसी की पूजा नहीं करता था। यह देख हिरण्यकश्यप काफी क्रोधित हुआ और उसे अनेक बार समझाने की कोशिश की पर वह नहीं माना, अंततः उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया की वह प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए। होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे आग से कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद आग से बच गया, जबकि होलिका आग में जलकर भस्म हो गई।
उस दिन फाल्गुन मास की पुर्णिमा थी। इसी घटना की याद में होलिका दहन करने का विधान है। बाद में भगवान विष्णु ने लोगों को अत्याचार से निजात दिलाने के लिए नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया।
Blogger Name- Ankit Sahu
Qualification- BE (Information Technology) नमस्कार दोस्तों, मैं Ankit Sahu https://www.anantdarsana.com/ website का Co-Founder हूँ. मैं Qualification से एक Engineering Graduate हूँ. इतिहास एवं भगवान से सम्बंधित लेख लिखना और उसकी जानकारी दूसरों को देना अच्छा लगता है. मेरी आपसे विनती है की आप लोग इसी तरह हमारा सहयोग देते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे |